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Rewa newa, विंध्य क्षेत्र के मेडिकल कचरे का उठाव/निस्पादन सवालों के घेरे में, महामारी फैली तो जिम्मेवार कौन-?

Rewa newa, विंध्य क्षेत्र के मेडिकल कचरे का उठाव/निस्पादन सवालों के घेरे में, महामारी फैली तो जिम्मेवार कौन-?

बड़खेरा का इंसीनरेटर बंद, इंडो वाटर वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की अनुमति निरस्त, नियमों के उल्लंघन-गड़बड़ियों पर पीसीबी का एक्शन

POLLUTION BOARD और सीएमएचओ के निर्देश के बाद भी रीवा के प्राइवेट अस्पताल व नर्सिंग होम अधिकृत चित्रकीरण वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट से नही कर रहे अनुबंध, मेडिकल कचरे का नही हो रहा उठाव, रीवा समेत विंध्य के मेडीकल कचरे का निस्पादन सवालों के घेरे में? गर फैली महामारी तो जिम्मेवार कौन होगा- ? बायो मेडिकल वेस्ट को लेकर नर्सिंग होम एसोसिएशन और कंपनी में तकरार भी बढ़ी है और निजी स्वास्थ्य संस्थाओं द्वारा मेडिकल कचड़ा न देने पर चित्रकिरण कंपनी ने प्रदूषण बोर्ड और सीएमएचओ के समक्ष शिकायत की है जिसके बाद लापारवाहों को कारण बताओं नोटिस जारी किया गया है, जबकि कोविड अभी भी प्रदेश में मौजूद, swine flu की भी हो चुकी है दस्तक, कब चेतेगे ये धरती के तथाकथित देवता , कब होगी लापरवाहो पर कार्यवाही, बड़ा सवाल यही कि इंसान के जान क्या इतनी सस्ती है कि यूं हो रहा खिलवाड़? तो क्या रीवा में बायो मेडिकल वेस्ट डंप कर रहीं निजी स्वास्थ्य संस्थाएं! इसके अलावा निजी स्वास्थ्य संस्थाए इतनी बेखौफ हैं कि खुलेआम शासन के नियमो की अवहेलना कर रही हैं निजी अस्पतालों की अडी़बाजी के सामने CMHO का आदेश बेअसर नजर आ रहा है।

बता दें कि, नियम कहते है कि मेडिकल कचरे का भंडारण 48 घंटे से ज्यादा नही कर सकते, वर्ना गंभीर संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। कॉविड महामारी को शायद ही कोई भुला होगा। ऐसे में जो लोग लापरवाही कर रहे है इन कार्यों में क्या वो जनता के दुश्मन यानी public enemy की श्रेणी में नही आते हैं? यहां पर आपको यह बताना जरूरी है कि बड़खेरा का इंसीनरेटर बंद, इंडो वाटर वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की अनुमति निरस्त कर दी गई है। लगातार नियमों के उल्लंघन-गड़बड़ियों पर पीसीबी ने एक्शन लिया है।

लगातार लापरवाही और नियमों को ताक पर रख कर सतना का इंडो वाटर वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट कार्य कर रहा था जिसकी वजह से लगातार शिकायतें भेजी जा रही थी साथ ही यहां पर यह बताना उल्लेखनीय है कि सतना सांसद गणेश सिंह और अमरपाटन विधायक राजेंद्र सिंह ने भी लोकसभा विधानसभा में ध्यान आकर्षण कर प्रश्न पूछा था जिसके जवाब में जिम्मेवारों ने कहा कि यह प्लांट निरीक्षण में लगातार फेल हुआ है मापदंडों पर फेल हुआ है और अनियमिताओं और गड़बड़ियों, नियमों के उल्लंघन के कारण पीसीबी ने इसकी अनुमति निरस्त कर इसे बंद करने का निर्णय लिया है यानी अब यह प्लांट कार्य नहीं कर सकेगा इस प्लांट को बंद कर दिया जाएगा मेडिकल कचरे का उठाव एकत्रीकरण निष्पादन जैसी कोई भी कार्यवाही अब इनके द्वारा नहीं की जाएगी जिसकी वजह से फिलहाल पीसीबी ने रीवा स्थित चित्र किरण वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को सतना कटनी और पन्ना की मेडिकल कचरे के निष्पादन की संपूर्ण जिम्मेवारी भी वैकल्पिक रूप से सौप रखी है साथ ही आपको बता दें रीवा सीधी सिंगरौली के मेडिकल कचरे के पूर्ण रूप से निष्पादन करने की अधिकृत एजेंसी है रीवा के गुढ़ में स्थित चित्रकिरण वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट।

परंतु प्राप्त जानकारी अनुसार अभी भी रीवा के कई नाम चिन अस्पताल व नर्सिंग होम व डेंटल क्लीनिक मेडिकल कचरे का भंडारण कर रही है चित्र किरण वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट जो की अधिकृत एजेंसी है उसके साथ अनुबंध नहीं कर रही है जो कि तय नियमों का साफ-साफ उलंघन है। आपको बता दें अनुबंध करने के लिए और समुचित तरीके से मेडिकल कचरा को चित्रकिरण को सौंपने के लिए सीएमएचओ रीवा ने पत्र लिखा है, कारण बताओं नोटिस जारी किया है लेकिन इन सब के बावजूद बहुत से प्राइवेट अस्पताल नर्सिंग होम व डेंटल क्लिनिक वाले अभी भी चेते नहीं है ।

सीएमएचओ की इन कारण बताओं नोटिसो का उन पर कोई असर होता नहीं दिख रहा क्योंकि उन्होंने अब तक चित्रकीरण प्लांट के साथ मेडिकल कचरे के उठाव का अनुबंध नहीं किया है जिससे उनका गैर जिम्मेदाराना रवैया साफ नजर आता है। साथ ही महामारी के इस दौर में मेडिकल कचरे के निष्पादन के प्रति यू लापरवाही बरतना यह दिखाता है कि इन प्राइवेट अस्पतालो नर्सिंग होम डेंटल क्लिनिक को आम आदमी की कितनी चिंता है।

तो वही आपको बता दें कि, शहर में बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण को लेकर ठेका कंपनी और नर्सिंग होम संचालकों के बीच तकरार बढ़ती जा रही है। प्राईवेट अस्पतालो, नर्सिंग होम व डेंटल क्लिनिको के मनमानी पुर्ण रवैए से तंग आकर ठेका कंपनी चित्रकीरण प्लांट प्रबंधन की ओर से भी जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सामने अपना पक्ष रखा गया है। जिसमें कहा है कि पूर्व में बायो मेडिकल वेस्ट के प्रबंधन में मनमानी पूर्वक कार्य चल रहा था लेकिन उन्होंने सारी प्रक्रिया नियमों के अनुसार शुरू की है, जिसकी वजह से ध्यान भटकाया जा रहा है।

मेडिकल वेस्ट का निस्तारण कराने के लिए गुढ़ में आधुनिक सुसज्जित प्लांट लगाने वाली चित्रकिरण वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी की ओर से संचालक सौरभ शुक्ला ने आवेदन दिया है। जिसमें उन्होंने कहा है कि निजी स्वास्थ्य इकाइयों से भी बायो मेडिकल वेस्ट का उठाव शुरू किया है लेकिन नर्सिंग होम एसोसिएशन के कुछ लोगों की ओर से इसमें व्यवधान डालने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उनकी संस्था पर यह आरोप लगाया गया कि पहले तुलना में कई गुना और कुछ दूसरे शहरों से अधिक यूजर चार्ज वसूला जा रहा है, जो कि सर्वथा गलत एवम अनुचित है।

आवेदन के साथ नर्सिंग होम एसोसिएशन के अध्यक्ष और कुछ अन्य नर्सिंग होम से पूर्व में लिए जाने वाले यूजर चार्ज का ब्यौरा भी शामिल किया है। जिसमें कहा गया है कि पूर्व की संस्था अलग-अलग दर पर वसूली कर रही थी। कुछ जगह आठ रुपए तो कुछ जगह 17 रुपए से अधिक की दर से वसूली हो रही थी। इस कारण यह कहना अधिक चार्ज है, सर्वथा अनुचित है। शिकायत में यह भी कहा गया है कि नर्सिंग होम्स द्वारा अनुबंध नहीं किया जा रहा बल्कि दबाव बनाने का प्रयास किया जा रहा है। जिम्मेवारो से मांग उठाई गई है कि मेडिकल कचरा निष्पादन में आ रही अड़चनों को दूर किया जाए।

प्राप्त जानकारी अनुसार सीएमएचओ रीवा भी अब तक सिर्फ कारण बताओं नोटिस जारी कर खाना पूर्ति करते दिख रहे हैं जबकि उन्हें चाहिए कि इस तरह के मामलों में जल्द से जल्द अनुबंध न करने वाले प्राइवेट अस्पतालो नर्सिंग होमो पर सख्त वैधानिक कार्यवाही करें और नजीर पेश करें, ताकि मेडिकल कचरे का एकत्रीकरण, उठाव, निष्पादन समुचित तरीके से हो सके और आम आदमी का जीवन संक्रमण मुक्त हो। महामारी के दौर में तो यह और भी आवश्यक है।

बरहाल देखने वाली बात यह होगी कि आने वाले दिनों में इस मामले में क्या कुछ निर्णय होता है। पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और सीएमएचओ इस बारे में क्या कुछ कार्यवाही करते हैं। या फिर नतीजा वही निकलता है जो आमतौर पर देखने को मिलता है ढाक के तीन पात!

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